Sangeeta

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लेखनी कहानी -06-Feb-2022 आखरी बसंत

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आत्मा परमात्मा में लीन हो गई,
आज फिर एक खबर संगीन हो गई,

एक स्वरागिनी गाती चली गई,
आखरी बसंत को निभाती चली गई,

कहते हैं स्वर कोकिला, सरस्वती है कंठ में,
सजाये सुंदर नगमे जीवन पर्यंत में,

एक सितारा टूट कर गिर गया है फर्श पर,
किंतु आत्मा है उसकी, परमात्मा के अर्श पर,

हे प्रभु न जाने यह  कैसी  रीत बनाई है,
अंतर्मन ही जाने दुखदाई भरी जुदाई है,

इस जहां को छोड़कर जाना सभी को है,
करके आए वादा निभाना सभी को है,

मरता है शरीर अच्छाइयां रह जाती है,
केवल यादों की परछाइयां रह जाती है,
संगीता वर्मा ✍️✍️
एक श्रद्धांजलि लता मंगेशकर जी को 🙏🌹


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5 Comments

बहुत खूब मेम👌

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Seema Priyadarshini sahay

06-Feb-2022 05:59 PM

नमन🙏😢बहुत सुंंदर..

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Sangeeta

06-Feb-2022 11:17 PM

Thankyou so much

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Swati chourasia

06-Feb-2022 05:58 PM

Awesome and heart touching 👌😔

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Sangeeta

06-Feb-2022 11:17 PM

Thankyou so much 🌹

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